Jhalak पर चुनिंदा व बेहतरीन शायरी सुविचार स्टेट्स कविता गीत कहानियां
कोई मरहम नहीं चाहिये – Marham, Zakhm, Jhalak Par Shayari
कोई मरहम नहीं चाहियेजख्म मिटाने के लिये,तेरी एक झलक ही काफी हैमेरे ठीक हो जाने के लिये।
मैं तो वहीं से गुजरता हूँ – Apnapan, Jhalak, Aawaz, Jamana
मैं तो वहीं से गुजरता हूँजहाँ अपनापन झलकता है।वरना आवाज़ तोये ज़माना दिया करता है।
हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं – Husn, Talabgar, Jhalak, Sadiyan, Gunahgar...
हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं,उनकी एक झलक को बेकरार हुए बैठे हैं,उनके नाजुक हाथों से सजा पाने को,कितनी सदियों से गुनाहगार हुए बैठे...