ख़्वाब वही तुम देखना, जो पूरा कर पाओ
अपना कीमती वक्त यूँ, बेवजह ना गँवाओ
अपने बड़े बुजुर्गों से, सीख लो कुछ सबक
घाटा नहीं होगा, ये भरोसा दिल में बिठाओ
कोई बात समझ से, बाहर हो अगर तुम्हारे
उससे ध्यान हटाकर, ख़ुद को आगे बढ़ाओ
सबकुछ नहीं मिल सकता, जीवन में कभी
जो कुछ मिला उसका, शुक्रिया तो मनाओ
मुक़म्मल नहीं कोई भी, इंसान इस जहाँ में
तुम अपना क़िरदार, नेकनीयत से निभाओ
कुछ लम्हे सिर्फ रंज ही, देकर जाएंगे तुम्हें
याद करके उन लम्हों को, आंसू ना बहाओ
मिट्टी का ज़िस्म है, ये मिट्टी में मिल जाएगा
सुपुर्दे ख़ाक से पहले, हीरा खुद को बनाओ
ख़रीद ना सके तुम्हें, दौलतमंद इंसान यहाँ
अपने ज़मीर को ऐसा, बेशकीमती बनाओ