मैं आया क्या अँधेरे बाद घर,
तु है कि पूरा मुहल्ला छान बैठी मां ।
बापू ने ज़रा सा डाँटा क्या,
तु है कि उनसे भी झगड़ बेठी मां ।
रूठा क्या तुझसे मैं एक पल,
तु है कि मुझको ही रुला बैठी मां ।
लगी क्या मुझको ये नोकरी बाहर,
तु प्यार से ज़्यादा हिदायतें देती रही मां।