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Homeकविताएंगलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं

गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं

गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं

दोनों इंसान है, खुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं

तू मुझे और मैं तुझे इल्जाम देते है मगर

अपने अन्दर झांकता तू भी नहीं, मैं भी नहीं

गलतफहमियो ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां

वरना फितरत का बुरा तू भी नहीं, मैं भी नहीं

अपने अपने रास्तों पर दोनों का सफ़र जारी रहा

एक लम्हे को रुका तू भी नहीं, मैं भी नहीं

चाहते दोनों बहुत एक दुसरे को है मगर

ये हकीकत मानता तू भी नहीं, मैं भी नहीं

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