हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं,
उनकी एक झलक को बेकरार हुए बैठे हैं,
उनके नाजुक हाथों से सजा पाने को,
कितनी सदियों से गुनाहगार हुए बैठे हैं।
लेटेस्ट
हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं – Husn, Talabgar, Jhalak, Sadiyan, Gunahgar par Shayari

Explore More - Hindi Shayari, Quotes, Lyrics, English News, Hindi News, Web Development, IT Services, SEO