यूं वक़्त बेवक़्त ख्यालातों का बदलना
मेरा होकर भी, तेरा मेरे साथ ना होना
ये कैसा आलिंगन है तेरी मेरी रूह का
तेरी आस भी है तेरा एहसास भी है!
असाधारण स्त्री उस पुरूष के आगे
साधारण बनी रहती है जिसे वो प्रेम करती है
यूं वक़्त बेवक़्त ख्यालातों का बदलना
मेरा होकर भी, तेरा मेरे साथ ना होना
ये कैसा आलिंगन है तेरी मेरी रूह का
तेरी आस भी है तेरा एहसास भी है!
असाधारण स्त्री उस पुरूष के आगे
साधारण बनी रहती है जिसे वो प्रेम करती है
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