भगवान हर जगह है और कण-कण में हैं, लेकिन वह एक आदमी में ही सबसे अधिक प्रकट होते है, इस स्थिति में भगवान के रूप में आदमी की सेवा ही भगवान की सबसे अच्छी पूजा है।
फलों से लदा पेड़ हमेशा नीचे झुकता है। यदि आप महान बनना चाहते हैं, तो दीन और नम्र बनो।

इश्वर सभी मनुष्यो में है परन्तु सारे मनुष्य ईश्वर में नहीं है यही हमारे दुःख का कारण है।

यदि एक बार गोता लगाने से आपको मोती नहीं मिलता है तो आपको यह निष्कर्ष निकालने की आवश्यक नहीं है की समुद्र में मोती नहीं है।
अहंकार के मर जाने पर सारे संकट समाप्त हो जाते हैं।
भगवान को सभी पथो और माध्यमों के द्वारा महसूस किया जा सकता हैं, सभी धर्म सच्चे और सही हैं। महत्वपूर्ण बात यह यह कि आप उस तक पहुँच पाते हैं या नहीं। आप वहां तक जानें के लिए कोई भी रास्ता अपना सकते हैं रास्ता महत्व नहीं रखता।
यदि आप पागल ही बनना चाहते हैं तो सांसारिक वस्तुओं के लिए मत बनो, बल्कि भगवान के प्यार में पागल बनों।
अनुग्रह की हवाएँ हर समय चलती हैं। हमें बस इतना करना है कि हम अपनी पाल सेट करें।
हम चाहे दुनिया में हर तीर्थ धाम कर ले, तब भी हमे सुकून नहीं मिलेगा। जब तक की हम अपने मन में शांति न खोजे।
सत्य बताते समय बहुत ही एक्राग और नम्र होना चाहिए क्योंकि सत्य के माध्यम से ही भगवान का अहसास किया जा सकता हैं।
प्यार के माध्यम से त्याग और विवेक स्वाभाविक रूप से प्राप्त हो जाते हैं।
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