आओ लें समाजिक एकता का संकल्प, समाज की तरक्की का यही है विकल्प।
जिस समाज की नियत अच्छी होगी
उस समाज की आपस में मिलजुल कर
आगे बढ़ने की रवायत होगी
सामाजिक एकता मजबूरी नहीं जरुरी है।
एकता का प्रकाश इतना शक्तिशाली होता है
कि यह पूरी पृथ्वी को रोशन कर सकता है!
समाज में एकता की भावना का प्रसार करना हमारा कर्तव्य ही नही दायित्व भी है।
आम आदमी अपने और
अपने परिवार के लिए जीते हैं
महान आदमी समाज की भलाई और
समाज की अच्छाई के लिए जीते हैं
संख्या में नहीं बल्कि एकता में हमारी सबसे ज़्यादा शक्ति होती है…!!
अच्छे समाज के लिए भेदभाव की सोच अच्छी नहीं
सच के लिए झूठ की दलील अच्छी नहीं
भला नहीं होता स्वार्थ का स्वभाव रखने से
और कमज़ोर को दबाने की कोशिश भी अच्छी नहीं
हमारी सामाजिक एकता में बसते हैं हमारे देश के प्राण, आओ इसे अपनाकर करें नवयुग का निर्माण।
यदि चिड़ियाँ एका कर लें तो
शेर की भी खाल खींच सकती हैं!
समाज में ना कोई वंचित,
ना शोषित, ना कोई कमज़ोर हो।
हर तरफ हो बस प्यार ही प्यार
कहीं भी नफ़रत का ना शोर हो।