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संकल्प पर्यावरण संरक्षण का – कविता । Poem on World Environment Day in Hindi

रत्न प्रसविनी हैं वसुधा,
यह हमको सब कुछ देती है।
माँ जैसी ममता को देकर,
अपने बच्चों को सेती है।

भौतिकवादी जीवन में,
हमनें जगती को भुला दिया।
कर रहें प्रकृति से छेड़छाड़,
हम ने सबको है रुला दिया।

हो गयी प्रदूषित वायु आज,
हम स्वच्छ हवा को तरस रहे
वृक्षों के कटने के कारण,
अब बादल भी न बरस रहे

वृक्ष काट – काटकर हम ने,
माँ धरती को विरान कर डाला।
बनते अपने में होशियार,
अपने ही घर में डाका डाला।

बहुत हो गया बन्द करो अब,
धरती पर अत्याचारों को।
संस्कृति का सम्मान न करते,
भूले शिष्टाचार को।

आओ हम सब संकल्प ले,
धरती को हरा – भरा बनायेगे।
वृक्षारोपण का पुनीत कार्य कर,
पर्यावरण को शुद्ध बनायेगे।

आगे आने वाली पीढ़ी को,
रोगों से मुक्ति करेगे हम।
दे शुद्ध भोजन, जल, वायु आदि,
धरती को स्वर्ग बनायेगे।

जन – जन को करके जागरूक,
जन – जन से वृक्ष लगवायेगे।
चला – चला अभियान यही,
बसुधा को हरा बनायेगे।

जब देखेगे हरी भरी जगती को,
तब पूर्वज भी खुश हो जायेंगे।
कभी कभी ही नहीं सदा हम,
पर्यावरण दिवस मनायेगे।

हरे भरे खूब पेड़ लगाओ,
धरती का सौंदर्य बढाओ।
एक बरस में एक बार ना,
5 जून हर रोज मनाओ।

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