गुरूदेव के श्रीचरणों में श्रद्धा सुमन संग वंदन
जिनके कृपा नीर से जीवन हुआ चंदन
धरती कहती, अंबर कहते कहती यही तराना
गुरू आप ही वो पावन नूर हैं।
जिनसे रौशन हुआ जमाना।
रोशनी बनकर आए जो हमारी जिंदगी में
ऐसे गुरुओं को में प्रणाम करता हूं,
जमीन से आसमान तक पहुंचाने का रखते है जो हुनर,
ऐसे शिक्षकों को में दिल से सलाम करता हूं।
मिट्टी से जिसने सोना बनाया,
जिंदगी को जीना सिखाया,
लक्ष्य भेदन का जिसने मार्ग दिखाया,
उस गुरु को शत शत प्रणाम।
देते हैं शिक्षा, शिक्षक हमारे
नमन चरणों में गुरु तुम्हारे
बिना शिक्षा सूना जीवन है
शिक्षित जीवन सदा नवजीवन है