न वो आ सके , न हम कभी जा सके ,
न दर्द दिल का किसीको सुना सके
बस खामोश बैठे है उसकी यादों में ,
न उसने याद किया न हम उसे भुला सके.
रिश्तें टूट कर चूर चूर हो गये,
धीरे धीरे वो हमसे दूर हो गये,
हमारी खामोशी हमारे लिये
गुनाह बन गई,और वो गुनाह
कर के बेकसूर हो गये।
मोहब्बत पहली, दूसरी या तीसरी
नहीं होती मोहब्बत वही है जिसके
बाद मोहब्बत ना हो.
मेरा हर पल आज खूबसूरत है
दिल में जो सिर्फ तेरी ही सूरत है
कुछ भी कहे ये दुनिया ग़म नहीं
दुनिया से ज्यादा हमें तेरी ज़रूरत है.
कौन फिरता है अब गली मोहल्लों में
इश्क़ अब डिजिटल हो गया,
कौन करता है अब बातें रूह की
इश्क़ अब फिजिकल हो गया.